Ahmad Faraz Ghazal अहमद फ़राज़ ग़ज़ल

  1. अहमद फ़राज़
  2. ज़ख़्म को फूल तो सरसर को सबा कहते हैं / फ़राज़
  3. दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला / फ़राज़
  4. तू पास भी हो तो दिल बेक़रार अपना है / फ़राज़
  5. जिससे ये तबियत बड़ी मुश्किल से लगी थी / फ़राज़
  6. तू पास भी हो तो दिल बेक़रार अपना है / फ़राज़
  7. रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ / फ़राज़
  8. ये जान कर भी कि दोनों के रास्ते थे अलग / फ़राज़
  9. आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है / फ़राज़
  10. 10 अव्वल अव्वल की दोस्ती है अभी / फ़राज़
  11. 11 अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें / फ़राज़
  12. 12 क्यों तबियत कहीं ठहरती नहीं / फ़राज़
  13. 13 यूँ तुझे ढूँढ़ने निकले के न आए ख़ुद भी / फ़राज़
  14. 14 आज फिर दिल ने कहा आओ भुला दें यादें / फ़राज़
  15. 15 ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे / फ़राज़
  16. 16 तेरी बातें ही सुनाने आये / फ़राज़
  17. 17 तुझसे बिछड़ के हम भी मुकद्दर के हो गये / फ़राज़
  18. 18 अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन और / फ़राज़
  19. 19 जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना / फ़राज़
  20. 20 हम सुनायें तो कहानी और है / फ़राज़
  21. 21 अब वो मंजर, ना वो चेहरे ही नजर आते हैं / फ़राज़

अहमद फ़राज़


अहमद फ़राज़ 2005 में
जन्मसैयद अहमद शाह अली
१४ जनवरी १९३१
कोहाटउत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांतपाकिस्तान
मृत्यु२५ अगस्त २००८ (७७ वर्ष)[1]
इस्लामाबादपाकिस्तान
उपनामफ़राज़
व्यवसायउर्दु कविव्याख्याता
राष्ट्रीयतापाकिस्तानी
नृजातियतापश्तून सैयद
नागरिकतापाकिस्तानी
शिक्षास्नातकोत्तर (कला-उर्दु), स्नातकोत्तर (कला-फारसी)
अल्मा माटेरपेशावर विश्वविद्यालय
लेखन काल१९५० - २००८
शैलीउर्दु ग़ज़ल
विषयप्रेम
साहित्यिक आन्दोलनप्रगतिवादी लेखक आंदोलन, जनतांत्रिक आंदोलन
उल्लेखनीय कार्यकई
संतानपुत्र:सादी, शिबली एवं सरमाद फ़राज़
संबंधीसैयद मु.शाह बार्क (पिता)
सैयद मसूद कौसर (भाई)

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